अन्ना जी ये देश द्रोही आपके साथ क्या कर रहे है....
1 शांति भूषण ........1993 मुंबई बम आतंकवादी विस्फोट के आरोपी शौकत गुरू और संसद हमले में दोषी अफजल के मृत्युदंड के खिलाफ मामले लड़े....
2 प्रशांत भूषण ..........कश्मीर की स्थिति के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराने वाले और भारतीय सेना के खिलाफ हमेंसा खड़े होने वाले साथ ही अफजल के मृत्युदंड के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले ...
3 स्वामी अग्निवेश .........समर्थक नक्सलवाद और कश्मीर में अलगाववाद के लिए लड़ने वाले गिलानी यासीन मलिक के समर्थक ...अमरनाथ यात्रा को पाखंड कहने वाले .....
4 संदीप पांडे ...........सदस्य अफजल गुरु को न्याय दिलाने के लिए बनी समिति के सदस्य.........
5 मेघा पाटकर व अरुंधती राय ........दोनों ही कश्मीर के अलगाववादियों के समर्थन में सुर में सुर मिलाने वाले ......
हो सकता है की मेरे इस सन्देश से लोगो को आपत्ति हो हो सकता है की आप इसे उचित भी न माने .........क्यों पिछली बार जब अन्ना जी अनशन में बैठे थे उस समय केजरीवाल और अग्निवेश ने भारत माँ के चित्र पर आपत्ति की थी ...क्यों इस बार मंच पर लगे चित्र में से भारत माँ के चित्र के साथ सुभाष चन्द्र बोश ,भगत सिंह ,रानी लक्ष्मी बाई व विवेकानंद के चित्र गायब है ...
एक बार अवश्य सोचे की कही हम भी अन्य लोगो की ही देखा देखी हाथो में तिरंगा लिए निकल पड़े है यक़ीनन भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी के मन में आक्रोश है लेकिन दोस्तों कही इसी बहाने देशद्रोहियों के हाथ तो हम मजबूत तो नहीं कर रहे है..............
1 शांति भूषण ........1993 मुंबई बम आतंकवादी विस्फोट के आरोपी शौकत गुरू और संसद हमले में दोषी अफजल के मृत्युदंड के खिलाफ मामले लड़े....
2 प्रशांत भूषण ..........कश्मीर की स्थिति के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराने वाले और भारतीय सेना के खिलाफ हमेंसा खड़े होने वाले साथ ही अफजल के मृत्युदंड के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले ...
3 स्वामी अग्निवेश .........समर्थक नक्सलवाद और कश्मीर में अलगाववाद के लिए लड़ने वाले गिलानी यासीन मलिक के समर्थक ...अमरनाथ यात्रा को पाखंड कहने वाले .....
4 संदीप पांडे ...........सदस्य अफजल गुरु को न्याय दिलाने के लिए बनी समिति के सदस्य.........
5 मेघा पाटकर व अरुंधती राय ........दोनों ही कश्मीर के अलगाववादियों के समर्थन में सुर में सुर मिलाने वाले ......
हो सकता है की मेरे इस सन्देश से लोगो को आपत्ति हो हो सकता है की आप इसे उचित भी न माने .........क्यों पिछली बार जब अन्ना जी अनशन में बैठे थे उस समय केजरीवाल और अग्निवेश ने भारत माँ के चित्र पर आपत्ति की थी ...क्यों इस बार मंच पर लगे चित्र में से भारत माँ के चित्र के साथ सुभाष चन्द्र बोश ,भगत सिंह ,रानी लक्ष्मी बाई व विवेकानंद के चित्र गायब है ...
एक बार अवश्य सोचे की कही हम भी अन्य लोगो की ही देखा देखी हाथो में तिरंगा लिए निकल पड़े है यक़ीनन भ्रष्टाचार के खिलाफ सभी के मन में आक्रोश है लेकिन दोस्तों कही इसी बहाने देशद्रोहियों के हाथ तो हम मजबूत तो नहीं कर रहे है..............
विचारणीय है। भ्रष्ष्टाचार से अधिक व्यक्तिवाद, अंधभक्तो पर हावी है।
जवाब देंहटाएंविवेक से सभी दृष्टिकोण से लोगों ने सोचना ही छोड़ दिया है।
आपकी चिंता जायज है।
अन्ना जी के सिद्धांतो का अनुसरण भी करें तो उनका आह्वान है जाग्रति और पारदर्शिता। तो फिर क्यों न इस सिद्धांत पर आंखे खोल परीक्षण करते हुए संशय के समाधान के बाद ही इस टीम पर विश्वास धरें।
और इनकी पारदर्शीता पहले पूछें।
किन्तु शायद बार बार छला जाना हमारी आम जनता की नियति है। विचारों से अधिक व्यक्ति पूजा हमारी आदतों में शुमार है। मोहांध होने के लिए अभिशप्त है। अंधानुकरण को भी यहां जाग्रति कहा जाता है। क्या किजिएगा?
चौंकाने वाले तथ्य...विचारणीय हैं।
जवाब देंहटाएंसोचनीय और विचारणीय तथ्य
जवाब देंहटाएंmagar kah rahe hain, khud Sushma Swaraj kah rahi hai, ki Anna Hazare ke peeche, uske abhiyan mein bhag lete huye, sab jyada tar RSS ke nav yuvak yuvatiyan hain?
जवाब देंहटाएंअमरजीत जी, बहुत बहुत आभार...... बहुत की तर्क पूर्ण ढंग से आपने प्रशन उठाये हैं.
जवाब देंहटाएंलाख बुरा हो इन्शान अगर वह कुछ अच्छा काम करता है तो बुराई किस बात की, सरकार के जो नेता होते है हर बार धोका देते है तो क्या हम उन्हें बोट नहीं देते देते है क्योंकि हमारे पास बिकल्प नहीं होता...जैसे बाल्मिक जी डाकू थे लोगो को मरते पिटते थे, लेकिन उन्ही की लिखी बाल्मीकि हमारे लिए पूज्य है
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