बुधवार, 25 मई 2011

नक्सल समस्या पर हम कितने गंभीर ...............

नक्सलियों का खुनी तांडव मानवता की सारी सीमाए लांघ चूका है और हम सिवाए लाशें गिनने के और शहीद परिवारों को सांत्वना देने के सिवाए और कुछ नहीं कर रहे है!खुलेआम नक्सली बंद का ऐलान करते है एक दो नहीं सैकड़ो की संख्या में नक्सली आते है ,हमारे जवानो की हत्या करते है ,लाशो के साथ अमानवीय कृत्य करते है और हम बेबस से रह जाते है !कहा है मानवाधिकार संघठन,कहा है उनके चहेते पाखंडी अग्निवेश! क्या केंद्र में बैठी सरकार में थोडा भी राष्ट्र धर्म नहीं है !नक्सली समर्थक विनायक सेन जिस पर राजद्रोह का मामला हाइकोर्ट में अपील हेतु लंबित है निचली अदालत ने विनायक सेन को राजद्रोह का आरोपी पाया है और उसे आजीवन कारावास की सजा दी है ........उसे पुरुस्कृत कर देश के प्रतिष्ठित स्थान पर योजना आयोग के सदस्य के रूप में बैठाया गया है क्या इससे यह प्रतीत नहीं होता की केंद्र सरकार भी नक्सल मुद्दे में राजनैतिक रोटिया सेंक रही है! जब CRPF के जवान एक्शन लेते है और कोई आपरेशन करते है तो उसे बदनाम करने में केंद्र सरकार कोई कसर नहीं छोडती! तुरंत आनन् फानन में प्रतिनिधि मंडल भेजती है ,देशभर के तमाम मिडिया व मानवाधिकारो से जुड़े लोग एक सुर में चिल्ल पौ मचाते है और जब इतनी बड़ी संख्या मे हमारे जवान मारे जाते है तो हमारी मिडिया मुकदर्शक बन रह जाती ! अफशोस आजादी के 60 - 65 वर्ष बाद भी ऐसा लगता है की देश के कई राज्य भले ही विकास में बहुत आगे है परन्तु हमारी मिडिया उन्हें अपने समाचारों की केटेगरी में बहुत पीछे रखती है लगातार हो रही घटनाओ से बेखबर बेशरम मिडिया को तो चिंता है की दाऊद के गुर्गो पर हमला किसने किया या नौटंकी करने भट्टा परसोल गए राहुल गाँधी किसकी मोटर बाइक में बैठकर गए थे! धन्य है भारत का मिडिया ...धन्य है केंद्र सरकार और धन्य है मानवाधिकार संघठन ............

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही दुखद घटना है , दिल दहल जाता है | केंद्र सरकार भी वोट की राजनीति करती है | हमारे जवानों के साथ इस तरह की नृशंस घटनाओं का घटना महज़ इत्तेफाक नहीं , सरकार की कायरता का नतीजा है |

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  2. छाबरा जी मैं भी एक नक्सल प्रभावित ज़िले में पत्रकारिता कर रहा हूं लिहाज़ा हर घटनाओं पर पैनी नज़र रखता हूं...मौत किसी की भी हो इस आये दिन होने वाले नक्सली हमलों में...हर मौत के साथ यह सवाल खड़ा होता है कि सरकार की नाक़ामी की सज़ा आखिरकार कब तक हमारे जाँबाज़ों को झेलनी पड़ेगी....शहादत को एक बार फिर से दिल से सलाम.....

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  3. नक्सलियों द्वारा बहुत ही निंदनीय और घ्रणित कार्य - इसे रोकने के लिए सरकार को शीघ्रातिशीघ्र उचित कदन उठाने चाहिए

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  4. नक्सलियों द्वारा अत्यंत निंदनीय और घ्रणित कार्य - शीघ्रातिशीघ्र सरकार को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कार्यवाही करनी चाहिए

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