डर लगे जब फासला देख कर
बढ़ते चलो रास्ता देख देखकर,
खुद ब खुद आएगी मंजिल,
हौंसला और साहस देख कर ...
हा राहों में अड़चनें जरूर आएंगी,
अपनो से ही चोट पहुचाई जाएगी,
मौका परस्त भी मिलेंगे राह मे,
गड्ढे खोदेंगे आपकी राह में,
हितैषी बन आपसे मीठा बोलेंगे,
अवसर आने पर छल भी करेंगे,
जिनके लिए कुछ अच्छा करोगे,
वो ही अहसान फरामोश निकलेंगे,
फिर भी चलते रहना फितरत बना लो,
जो चलना चाहे उसे साथ ले लो,
है कठिन राह फिर भी कोई गीला नही,
थककर रुक जाना यह जिंदगी का सिला नही,
इसलिए ...
डर लगे जब भी फासला देख कर
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