मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

अजी सुनते हो ...............

अक्सर ये शब्द हमने अपने घरो में सुना है वे जिनकी शादी हो चुकी है या जो विवाह की दहलीज पर खड़े है ऐसे प्यार भरे लुभावने शब्द मन को गुदगुदाते है! जैसे की अजी सुनते हो,मुन्ने के पापा,जरा सुनियेगा इसी तरह पति का पत्नी के लिए संबोधन अरी ओ भागवान,करमा वालिये ये प्यार की मिठास लिए शब्द पति पत्नी के दैनिक दिनचर्या में हुई थकावट को गायब कर देते है!परन्तु वर्तमान परिवेश में आधुनिकता का समावेश लिए परिवारों में पति पत्निया इन शब्दों को भूलते जा रहे है! अब पति तो पति, पत्निया भी अपने पति को उसके नाम से संबोधित करती है! रिश्ते की बनावट और बुनावट किस पर निर्भर करती है! जाने कितने ही जरुरी गुणों की मौजूदगी का बखान कर दिया जाता है! इस सवाल के जवाब में लेकिन सही मायने में इसके लिए दो ही स्थितिया आवश्यक है! पहली रिश्ता निभाने का विचार और दूसरी संवाद निभाने वाली सोच हर नाते का पहला कदम है! अब शादी को लीजिये कैसे बुना जाय यह रिश्ता की ताने बाने बराबर टिके रहे! जिनकी शादी को 20 - 25 साल हो गये ऐसे लोगो से बातचीत करके विवाह काउंसलर इस नतीजे पर पहुचे है की विश्वास ही वह जादू है जो रिश्तो को बंधे रखता है! यह विश्वास ही है जो निभाने वाली सोच का आधार बनता है! लोग कहते मिलेंगे की बात तो समर्पण की है! समर्पण का यह अभिप्राय कदापि नहीं है की हम अपने आपको किसी को समर्पित कर दे! हम आपको बता दे की निभाने के विचार का ही दूसरा नाम समर्पण है जो विश्वास से जुड़ा है!दूसरी बात थी संवाद, संवाद की अहमियत इतनी ज्यादा होती है की इसे समझना बहुत ही आवश्यक है! खास कर सफल वैवाहिक जीवन के लिए, लेकिन यहाँ यह बताना जरुरी होगा की हम बातचीत करने की बात नहीं कर रहे! बातचीत और संवाद में बहुत अंतर है बच्चे के स्कूल की बाते,आर्थिक चर्चा,नौकरी या नौकरों के नखरे,मित्रो रिश्तेदारों की बाते,आफिस या कार्यक्षेत्र की सफलता या कठिनाइयों का अदान प्रदान सचमुच केवल बाते है, संवाद नहीं! बात करना एक तरफ़ा है और संवाद दो तरफ़ा! संवाद सुनने के लिए प्रेरित करता है जब आप सुनते है तब दुसरे को जानते है! ध्यान से सुनने के लिए अपने काम छोड़ देते है, पुरे गौर से सुनकर प्रतिक्रिया देते है, तो सामने वाले का सम्मान करते है! उसकी राय उसके सपनो उसकी सोच को स्वीकारते है! और जब ऐसा होता है तो साथी को जीवन में शामिल किये जाने का यकीन रहता है! संवाद के लिए संही माहौल आज के शोर में पाना यु भी मुश्किल है! कभी कभी अचानक साथ घुमने चले जाने का प्रोग्राम तथा रोज एक साथ भोजन करने के आलावा तीन तरीके है जो आधुनिक समय में संवाद के रास्ते को साफ़ बनाये रखते  है !
1 पति पत्नी घर में खुद को मिडिया स्रोतों से दूर रखे कम से कम कुछ देर के लिए! इसका मतलब है की टी.वी.,कंप्यूटर,मोबाईल म्यूजिक सिस्टम सब से दूर रखे! कोशिश करे की इस माहौल में रोज आधा घंटा बिताये कुछ ही दिनों में आपसी संवाद कितना बेहतर हो जायेगा आप खुद ही देख लीजियेगा !
2 एक साँझा डायरी बनाये जिसमे शुरुआत में अपने अगले दिन के कार्यक्रम के बारे में लिखे! इसमें कोई गलतफहमी नहीं रहेगी धीरे धीरे इसमें अपने सपनो, साथी के लिए भावी योजनाये और मनोभाव भी लिखे जा सकते है! इसमें हर रोज लिखना ही है यह नियम दोनों निभाए! कई लोग कहने से ज्यादा लिखा बेहतर समझते है ऐसे में यह डायरी बहुत ज्यादा फायदेमंद होगी !
3 रात सोने से पहले साथ मिलकर प्रार्थना या दुआ करे! जब दुआए साझी होती है तो जिन्दगिया अलग नहीं हो सकती और जिससे आप नाराज होंगे उसके साथ प्रार्थना नहीं कर सकेंगे! लिहाजा प्रार्थना करते ही गुस्सा छू मंतर हो जायेगा !

28 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय अमरजीत जी
    आपकी द्वारा वर्णित सभी बातें जीवन में अक्सर घटित होती हैं ...आपने जो समाधान बताएं हैं निश्चित रूप से इनका पालन करना हमारे लिए लाभदायक होगा ...आपका शुक्रिया

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  2. अमरजीत जी..आपकी सलाह अमल करने लायक है। सार्थक लेखन के लिए बधाई।

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  3. सराहनीय आलेख।
    प्रभावकारी लेखन के लिए बधाई।
    =====================
    सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी

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  4. अच्छे सुझाव हैं..... सार्थक संवाद और सहयोगात्मक नज़रिया सभी को अपनाना चाहिए ......

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  5. बहुत ही बढ़िया आलेख.सार्थक सुझाव.
    सलाम.

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  6. आपके सुझाव काफी अच्छे है ।
    बेहतरीन पोस्ट

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  7. राकेश जी , अभिषेक मिश्र जी , क्रिएटिव मंच जी, सुरेन्द्र सिंह जी , केवल राम जी , :विरेन्द्र सिंह चौहान जी ,डॉ० डंडा लखनवी जी ,डॉ॰ मोनिका शर्मा जी , सगेबोब जी , जगदीश बाली जी पलाश जी
    उत्साहवर्धन के लिए आप सभी का धन्यवाद ...................

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  8. इन बेहतरीन सुझावों के लिए आभार ।
    सार्थक आलेख ।

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  9. bhagambhag kee jindagi ke beech aapne bahut badiya upyodi sujhav diye hain iske liye dhanyavaad..

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  10. आदरणीय अमरजीत जी
    आपके सुझाव काफी अच्छे है ।

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  11. मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है

    "हट जाओ वेलेण्टाइन डेे आ रहा है!"

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  12. दिव्या जी ,कविता रावत जी, smshindi By Sonu जी, CS Devendra K Sharma "Man without Brain" जी, डॉ. वर्षा जी
    आप सभी का धन्यवाद

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  13. इन बेहतरीन सुझावों के लिए आभार ।

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  14. बहुत ही बढ़िया आलेख...सार्थक सुझाव....
    जी हाँ, विश्वास ही वह जादू है जो रिश्तो को बंधे रखता है! यह विश्वास ही है जो निभाने वाली सोच का आधार बनता है.

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  15. अच्छी पोस्ट, बढिया सुझाव. आभार...
    हिन्दी ब्लाग जगत में आपका स्वागत है, कामना है कि आप इस क्षेत्र में सर्वोच्च बुलन्दियों तक पहुंचें । आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके अपने ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या बढती जा सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको मेरे ब्लाग 'नजरिया' की लिंक नीचे दे रहा हूँ आप इसका अवलोकन करें और इसे फालो भी करें । आपको निश्चित रुप से अच्छे परिणाम मिलेंगे । धन्यवाद सहित...
    http://najariya.blogspot.com/

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  16. इस सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  17. बहुत अच्छे सुझाव। तुसि ग्रेट हो जी। शुभकामनायें।

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  18. Patali-The-Village ,संध्या जी, पूनम जी, शुशील बाकलीवाल, जी हरीश जी, संगीता जी आप सभी का धन्यवाद जो आप ने हमारा मान बढाया
    निर्मला कपिला जी धन्यवाद असी ग्रेट नहीं साडे ब्लॉग मित्र ग्रेट है जिन्होंने हमारा मान बढाया..............

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  19. सीरियल वाले टीवी स्‍क्रीन और ब्‍लॉग वाले लैपटॉप तो मानों मुंह मोड़े ही बैठे हैं.

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