आमिर खान ने क्या सोचकर यह फिल्म बनाई------------
आमिर खान बहुत अच्छे अभिनेता है उन्होंने अपने अभिनय के माध्यम से एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मे दी है ..और अपने अभिनय ही नहीं अपने निर्देशन में ज्वलंत विषयो और दिल को छूने वाली फिल्मो का निर्माण भी किया है ..लगान, तारे जमी पर, रंग दे बसंती आदि लेकिन इसी आमिर खान ने एक और फिल्म का निर्माण किया है देल्ही-बेली *** फिल्म देखकर मन में आया की क्या सोचकर आमिर ने यह फिल्म बनाई मेरे एक मित्र ने कहा की आमिर खान ने अपने इंटरव्यूय में कहा था की मै यह फिल्म वयस्कों के मनोरंजन के लिए बना रहा हु आमिर जी वयस्कों के बारे में और मनोरंजन के बारे क्या आपकी यही राय है गाली गलौज वह भी ऐसी ऐसी गालीया ऐसे ऐसे शब्द जो की सभ्य समाज में असभ्य कहे जाते है जिसे सुनकर ही लोग अनसुना कर देते है उसे सुनने के लिए लोग टिकट खरीद रहे है धन्य है आमिर जी ! आमिर जी वयस्कों के लिए फिल्म ही बनानी थी तो हमारे समाज में बहुत से विषयो पर बोलने सुनने में असहज व संकोच मह्सुश करते है उन पर आप खुलकर फिल्म बनाते तो शायद अच्छा होता फिल्म के बारे में लोगो की अपनी अपनी राय हो सकती है हो सकता है बहुतो को यह फिल्म अच्छी लगी हो लेकिन मैंने जब यह फिल्म देखी तो मन में यह सवाल आया की .........
आमिर जी क्या सोच कर आपने यह फिल्म बनाई ??????????
आमिर खान बहुत अच्छे अभिनेता है उन्होंने अपने अभिनय के माध्यम से एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्मे दी है ..और अपने अभिनय ही नहीं अपने निर्देशन में ज्वलंत विषयो और दिल को छूने वाली फिल्मो का निर्माण भी किया है ..लगान, तारे जमी पर, रंग दे बसंती आदि लेकिन इसी आमिर खान ने एक और फिल्म का निर्माण किया है देल्ही-बेली *** फिल्म देखकर मन में आया की क्या सोचकर आमिर ने यह फिल्म बनाई मेरे एक मित्र ने कहा की आमिर खान ने अपने इंटरव्यूय में कहा था की मै यह फिल्म वयस्कों के मनोरंजन के लिए बना रहा हु आमिर जी वयस्कों के बारे में और मनोरंजन के बारे क्या आपकी यही राय है गाली गलौज वह भी ऐसी ऐसी गालीया ऐसे ऐसे शब्द जो की सभ्य समाज में असभ्य कहे जाते है जिसे सुनकर ही लोग अनसुना कर देते है उसे सुनने के लिए लोग टिकट खरीद रहे है धन्य है आमिर जी ! आमिर जी वयस्कों के लिए फिल्म ही बनानी थी तो हमारे समाज में बहुत से विषयो पर बोलने सुनने में असहज व संकोच मह्सुश करते है उन पर आप खुलकर फिल्म बनाते तो शायद अच्छा होता फिल्म के बारे में लोगो की अपनी अपनी राय हो सकती है हो सकता है बहुतो को यह फिल्म अच्छी लगी हो लेकिन मैंने जब यह फिल्म देखी तो मन में यह सवाल आया की .........
आमिर जी क्या सोच कर आपने यह फिल्म बनाई ??????????
अपना-अपना रोजी-रोजगार.
जवाब देंहटाएंsach kaha aamir ji se yah aasha nahi thi sarthak post.
जवाब देंहटाएंविचारणीय मुद्दा...
जवाब देंहटाएंडिश के माध्यम से दिखाई जाने वाली हॉलीवुड की ऑस्कर अवार्ड विनिंग फिल्मों से तो चुन-चुन कर तथाकथित अपशब्द भी सेंसर कर दिए जाते हैं.
फिल्म तो नहीं देखी है ..पर आपकी बात सही है की आमिर से किसी सार्थक विषय पर फिल्म बनाने की उम्मीद ज्यादा रहती है.....
जवाब देंहटाएंmai aapse sahmat hu...
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